हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से पांचवां संस्कार नामकरण है। आमतौर पर नामकरण संस्कार शिशु के जन्म के 10 दिन बाद किया जाता है। यह संस्कार 100वें दिन या शिशु के जन्म से 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जातक का जन्म जिस नक्षत्र में होता है उसी नक्षत्र के अक्षर से जातक का नाम रखा जाए तो बेहतर होता है। हालांकि, नाम वंश, गौत्र आदि का भी ध्यान रखकर रखा जाता है।

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